THE WORST ANIMAL(HUMAN)-10
अगले दिन सुबह घर का माहौल वही खामोशी भरा था सभी चुपचाप अपना अपना नाश्ता कर रहे थे। सलोनी भी वही आकर बैठ गई तो उसकी मम्मी ने उसके लिए नाश्ता लगाया। वह बैठ कर नाश्ता कर रही थी जैसे कुछ हुआ ही नहीं हो सलोनी के पापा ने एक बार सलोनी को देखा और फिर गर्दन झुका अपना नाश्ता करने लगे। फिर कुछ देर बाद वह उठ कर चले गए अपने कमरे में। सभी उन्हें जाते हुए देख रहे थे पर किसी ने उन्हें रोकने की कोशिश नहीं की। सभी ने सलोनी को एक बार देखा तो वह चुपचाप अपना नाश्ता करके कॉलेज के लिए निकल गई उसकी बस बाहर आ चुकी थी।
सलोनी की दादी बोली इस लड़की में इतनी हिम्मत कहां से आई कल अपने बाप के सामने बोल रही थी और आज उसके से बात भी नहीं कर रही है। सलोनी की मम्मी बोली मां जी मुझे भी कुछ समझ में नहीं आया पर लगता है उनकी बातें सलोनी को हर्ट कर गई । उन्होंने जब मौली के बारे में गलत बोला तो सलोनी सुन नहीं पाई और अपने पापा के सामने बोल गई मुझे भी लगता है उन्होंने गलत किया किसी के बारे में गलत नहीं बोलना चाहिए चाहे वह इंसान कैसा भी हो।
सलोनी बस में आकर बैठी और कुछ देर बाद बस मौली के घर के बाहर आकर रुकी वह अंदर चढ़ गई तो उसने देखा की सलोनी के चेहरे पर आज उदासी है । तो उसके पास जाकर बोली तो सलोनी ने एक बार में नहीं सुना तो मौली ने उसके कंधे पर हाथ रखा तब वह अपनी सोच से बाहर आई और मौली से बोली तुम कब आई। मौली बोली जब तुम किसी सोच में डूबी हुई थी तभी आई ।
अब तेरे चेहरे के 12 क्यों बजे हुए है तो सलोनी बोली वही आपके कारनामे कल स्कूल में जो तुमने किया वह बात पहुंच गई घर पर पता चल गई। मौली बोली मुझे भी डर इसी बात का था कि यह बात तुम्हारे घर पर पता चल गई तो दिक्कत हो जाएगी पर तुम्हारे घर पर यह बात आई कैसे।
सलोनी बोली उस शर्मा ने खुद पापा को कॉल करके बताया खुराना की लड़की ने स्कूल में एक लड़के को मारा वह भी बुरी तरीके से। ऐसी दो तीन बातें और मिलाके उसने मिर्च मसाला के साथ अच्छी सब्जी को पका दिया और पापा के सामने अच्छा बन गया। हमारे पापा बड़ी जल्दी से किसी की बातों पर भरोसा कर लेते है सोचते भी नहीं कि सामने वाला झूठ भी बोल सकता है और कल भी यही हुआ उस शर्मा ने कुछ बातें झूठ भी बोली और सारी की सारी तुम्हारे खिलाफ बोली बस फिर क्या पापा बोलने लग गए तुम वैसे ही तुम ऐसी तुम्हें संस्कार नहीं दिए गए तुम बिगड़ैल तुम्हारे बारे में गलत गलत बोल रहे थे और मुझसे सुना नहीं गया मैंने सुना दिया उनको।
मौली बोली यह तुमने अच्छा नहीं किया यार वह तुम्हारे पापा है और बड़े भी हैं बड़े कुछ भी बोल सकते हैं पर उनके सामने बोलना अच्छी बात नहीं है उन्होंने मेरे बारे में अगर कुछ भी बोला तो मैं उनके बच्ची जैसी हूं मैं सुन सकती हो मुझे उनकी बातों का बुरा नहीं लगेगा।।
दोनों ऐसे ही बातें कर रही थी फिर दोनों कॉलेज पहुंचे और पढ़ने लगे दोपहर के टाइम आदित्य अपने दोस्तों के साथ ग्राउंड में बैठा हुआ था वह बैठे बैठे बोर हो रहे थे तो 5 दोस्त वहीं बैठे हुए गेंद से खेलने लग गए। यह 5 अपने आप में ही मस्त थे उन्हें किसी से कोई मतलब नहीं था हंसी मजाक करते हुए खेल रहे थे तभी उनके पास से सलोनी और मौली निकले उन्होंने एक बार सभी को देखा फिर हंसते हुए वह भी आगे जाकर उनसे कुछ दूरी पर बैठ गई । दोनों की आपस में बातें कर रही थी कि यह लोग हैं
आदित्य ने बॉल शुभम की ओर फेकी तो उसके हाथ से छूट गए और वह मौली और सलोनी के पस जाकर गिरी अब यह 5 एक दूसरे का मुंह देखने लग गए। सभी मिलकर शुभम को कह रहे तूने बॉल सही से नहीं पकड़ी अब तू ही जाकर लेकर आएगा उनसे। एक शुभम कह रहा है कि आदित्य ने बॉल जोर से फेंकी तब आदित्य जाएगा लेने मैं नहीं जाने वाला और वह भी उस लड़की के पास कितना मारती है वह कई उसने मुझे मारने शुरू कर दिया तो कोई भी नहीं आएगा तुम लोग तो भाग जाओगे।
मौली और सलोनी ने उस बॉल को देखा फिर उन 5 को देखने लगी जो 5 कभी बॉल को देखते हैं तो कभी एक दूसरे को। उनके चेहरे पर परेशानी के भाव नजर आ रहे थे जैसे किसी शेर के आगे से खाना छीनकर लाना हो। मौली सलोनी से बोली यह लोग इतना परेशान क्यों हो रहे हैं देखो इनके चेहरे पर सलोनी दे भी उस तरफ देखा तो सभी एक दूसरे को बोल रहे थे बोल लाने के लिए।
तभी इस मौली और सलोनी के पास एक लड़की आकर बैठी किसी काम से आई थी कुछ देर बात करके जाने लगी तो सलोनी ने उससे पूछा क्या तुम इन लड़कों को जानती हो तो वह बोली हां मैं जानती हूं इन पांचों को यह मेरे ही मोहल्ले में रहते हैं क्यों । क्या हुआ इनमें से किसी ने कुछ बोला तो मौली बोली हां। तो वह लड़की बोली मैं मान ही नहीं सकती कि इनमें से किसी ने तुम लोगों को कुछ बोला होगा।
क्योंकि यह सभी लड़कियों से बात करने में डरते हैं अगर तुम उनके पास आगे से बात करने भी जाओगी ना तो भी इनके मुंह से एक शब्द नहीं निकलेगा यह लोग इतना इतना डरते लड़कियों से बात करने में। यह 5 आपस में खुश रहते हैं तुम देख रही होगी यह कब से एक दूसरे के साथ ही खेल रहे थे और स्कूल में ना के बराबर लड़कियों से बात करते हैं तुमने देखा तुम्हारे सामने कब से वह गेंद पड़ी है पर अभी तक उनमें से कोई इसे लेने नहीं आया ।
इसका एक रीजन यह भी है कि यह तुम से डर भी रहे है और दूसरा रीजन यही है कि उन्हें लड़कियों से बात करना नहीं आता मैंने एक बार इनसे बात की थी तब यह बता रहे थे कि इन्हें डर रहता है कि कई अगर यह बात करते-करते कहीं फिसल गए और कुछ गलत बोल दिया तो दिक्कत हो जाएगी इसलिए लोग बात करते ही नहीं है किसी से।
वह लड़की वहां से चली गई मौली वहां से उठी और उस गेंद को लेकर उन पांचों की तरफ बढ़ने लगी । पांचवी की नजर जब मौली पर पड़ी कि वह हाथ में गेंद को पकड़े उन्हीं की तरफ आ रही है तो वह लोग आपस में एक दूसरे का चेहरा देखने लगे और जिनके चेहरे पर डर साफ नजर आ रहा था। आदित्य ने हिम्मत की और खड़ा होकर सामने आया वह मौली के सामने आकर खड़ा हो गया और बोला वह.. वह...वह.. हमारी गेंद आप... आपके पास आ गई थी
जब मौली कुछ नहीं बोली तो वह बोला आप हमें माफ करना हम लोगों ने ध्यान नहीं दिया और बॉल को जोर से फेंका। आप लोगों को लगी तो नहीं हम आगे से ध्यान रखेंगे । मौली ने उन सभी को देखा जिनकी सभी की धड़कनें बढ़ी हुई थी और सभी आदित्य को देख रहे थे। आदित्य की जुबान लड़खड़ा रही थी जिससे साफ पता चल रहा था कि आदित्य डर रहा है और वह लोग भी डरे हुए हैं।
मौली ने आदित्य को बॉल दी और बोली कोई बात नहीं खेलो आराम से और वह वापस मुड़कर सलोनी के पास चली गई वहां जाकर बैठी तो उसने देखा कि आदित्य ने पानी की बोतल ली और एक ही सांस में पूरी की पूरी खत्म कर दी । जिसे देखकर मौली के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई कि लड़का कितना डरता है लड़की से बात करने में । तभी उसकी नजर उन चारों पर भी पड़ी उनकी भी यही हालत थी वह भी पानी पी रहे थे उनके चेहरे पर भी पसीना साफ नजर आ रहा था।
कुछ देर बाद जब लंच खत्म हुआ तब सलोनी और मौली अपनी क्लास में चली गई और वह पांचों भी अपनी-अपनी क्लास रूम में चले गए।
कमश:
।। जयसियाराम ।।
vishalramawat"सुकुन"
Radhika
04-Feb-2023 07:57 PM
Nice
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वानी
03-Feb-2023 11:02 PM
nice
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अदिति झा
03-Feb-2023 01:53 PM
Nice 👍🏼
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